आपत्तियां मनुष्यता की कसौटी हैं, इन पर खरा उतरे बिना कोई भी व्यक्ति सफल नहीं हो सकता है।
विकन्द्रीकरण के इस युग में सपने ही वे कुंजियॉं हैं, जो हर एक को बान्धे रखते हैं।
जब श्रद्धा पैदा होती है, तो वह मार्ग की समस्त बाधाओं को दूर कर देती है। इससे चित्त निर्मल, आनंदित और मुक्त हो जाता है।
जिसको रहस्य गोपनीय रखना नहीं आता, वह सफलता का मुंह नहीं देख सकता।
एक बार मन में शक का कीड़ा रेंग गया, तो उसका इलाज न लुकमान के पास है, न धन्वन्तरि के पास।
दुनिया में तरक्की के बावजूद पत्रकारों का संघर्ष अभी भी खत्म नहीं हुआ है और न ही कभी हो पाएगा।
उपयोग और नयी बात सीखने के लिए सबसे पहले मस्तिष्क को खाली और निर्मल करना जरूरी है।
संकल्प करें कि मुझे सहन करने की शक्ति का विकास करना है। यह संकल्प महान बनने की दिशा उद्घाटित कर सकता है।
जब लड़की इश्क में डूबी होती है, तब वह क्या सोच रही है या बोल रही है, इसका उसे भान नहीं होता और इश्क में डूबे हुए लड़के को न कुछ साफ दिखाई देता है और नहीं ही सुनाई देता है।
वर्तमान को तो गुजर ही जाना है। अत: न तो खुशी से पागल हों और न गम से हताश हों। बल्कि ध्यान रहे, समय को तो बदलना ही है।
दूसरों को जानने वाला विद्वान और स्वयं को जानने वाला ज्ञानी है।
जब भगवान इंसान से घृणा नहीं करते तो फिर हमें क्या अधिकार है कि हम दूसरों से नफरत करें।
यदि किसी से अपना सम्मान करवाना है तो पहले दूसरों का सम्मान करना सीखें।
अपने लिए रास्ता तो सभी बनातें हैं, परन्तु इंसान तो वह महान है जो दूसरों के लिए रास्ता बनाता है।
सही मायने में हमारे दिमाग में हजारों अच्छे विचार आते है, लेकिन उन्हें आजमाने के लिए हमें पहले उन पर गहराई से विचार करना चाहिए।
कामयाबी इस बात से तय होती है कि आप अपने मकसद को पूरा करने के लिए किस हद तक आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।
स्वाभिमान की कीमत पर कोई सम्मान या कोई उपाधि लेना बुद्धिमानी नहीं है, अपना सम्मान खुद करना सीखें।